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चार धाम यात्रा उत्तराखंड | यात्रा का सही तरीका | Char Dham Yatra Travel Guide | How to reach | best way in Hindi |

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा | Uttarakhand Char Dham Yatra in Hindi |

उत्तराखंड के चार धामों को छोटा चार धाम के नाम से जाना जाता है. हर साल कपाट खुलने से बंद होने तक की अवधि में यहाँ लाखों लोग आकर दर्शन करते हैं. चार धाम यात्रा का प्रथम पड़ाव यमुनोत्री मंदिर है जिसके बाद गंगोत्री मंदिर और फिर केदारनाथ मंदिर होते हुए यात्रा बद्रीनाथ मंदिर पर समाप्त होती है. सभी धाम मोटर मार्ग द्वारा राज्य की राजधानी देहरादून तथा अन्य प्रमुख स्थानों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं. जहाँ गंगोत्री तथा बद्रीनाथ मंदिर तक वाहन पूर्ण रूप से पहुँच जाते हैं वहीँ यमुनोत्री तथा केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल मार्ग से होते हुए भी जाना होता है.

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चार धाम कपाट खुलने की तिथि 2024 | Kapat Openning dates of Chardham Yatra Uttarakhand for 2024 |

यमुनोत्री कपाट खुलने की तिथि | Kapat Openning date of  Yamunotri Chardham Yatra for 2024

10th May 2024

गंगोत्री कपाट खुलने की तिथि | Kapat Openning date of Gangotri Chardham Yatra for 2024

10th May 2024

केदारनाथ कपाट खुलने की तिथि | Kapat Openning date of Kedarnath Chardham Yatra for 2024

11th May 2024

बद्रीनाथ कपाट खुलने की तिथि | Kapat Openning date of Badrinath Chardham Yatra for 2024

12th May 2024

यमुनोत्री धाम | Yamnotri Temple Uttarakhand Char Dham |

समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊँचाई पर तथा हिमालय पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित, चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव यमुनोत्री मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक पवित्रता के लिए जग विख्यात है। उत्तरकाशी जिले में स्तिथ यमुनोत्री, पवित्र यमुना नदी का उद्गम स्थान है तथा यमुनोत्री मंदिर माँ यमुना का ही मंदिर है. भारतीय हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यमुना माँ मृत्यु के देवता यम की बहन है, और अगर कोई व्यक्ति यमुना नदी में डुबकी लगता है तो वह बिना दर्द की मृत्यु प्राप्त करता है। 
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यमुनोत्री मंदिर, उत्तरकाशी

 

क्योंकि प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम, पहाड़ी जिले उत्तरकाशी में है, तो यहाँ तक का रास्ता सुन्दर पहाड़ों के बीच यमुना नदी के साथ होते हुए पहुँचता है. यमुनोत्री मंदिर के कपाट लगभग अप्रैल माह से नवम्बर माह तक खुले होते हैं. इसी बीच लाखों की संख्या में पर्यटक दर्शन करने पहुँचते हैं. सर्दियों के दौरान यहाँ भरी बर्फ़बारी होती है. इस दौरान माँ यमुना की डोली 5 किलोमीटर नीचे स्तिथ खरसाली गांव के मंदिर में लाइ जाती है. राज्य की राजधानी देहरादून से यमुनोत्री मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 170 किलोमीटर का मोटर मार्ग तथा 5 किलोमीटर का पैदल मार्ग तय करना होता है. 
 

 यमुनोत्री कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri dham?

  • रेल द्वारा यमुनोत्री कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri by Train?

यमुनोत्री मंदिर से लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर देहरादून रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। देहरादून से आपको यमुनोत्री या उत्तरकाशी जिले के कई अन्य स्थानों के लिए बसें आसानी से  मिल जाती हैं. इसके अलावा आप टैक्सी भी किराए पर ले सकते हैं।
  • सड़क मार्ग से यमुनोत्री कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri by road?

यमुनोत्री धाम, मोटरमार्ग द्वारा उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से देहरादून बस स्टेशन तक रोज़ाना कई बसें उपलब्ध हैं, जहाँ से आप यमुनोत्री के लिए आसानी से बस सेवा प्राप्त कर सकते हैं। आप देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार या दिल्ली से भी सीधे टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।
  • हवाई मार्ग से यमुनोत्री कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri by flight?

यमुनोत्री से निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है जो लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली से देहरादून के लिए पर्याप्त संख्या में दैनिक उड़ानें उपलब्ध हैं। उसके बाद, आप सड़क मार्ग द्वारा यमुनोत्री पहुंच सकते हैं।आप देहरादून से यमुनोत्री के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी ले सकते हैं।

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यमुनोत्री का सड़क मार्ग दूरी चार्ट | Yamunotri road distance chart from major cities |

    • दिल्ली से यमुनोत्री | Delhi to Yamunotri distance: 388 कि.मी.
    • देहरादून से यमुनोत्री| Dehradun to Yamunotri distance:  174 कि.मी.
    • ऋषिकेश से यमुनोत्री | Rishikesh to Yamunotri distance : 216 कि.मी.
    • हरिद्वार से यमुनोत्री | Haridwar to Yamunotri distance: 220 कि.मी.
    • लखनऊ से यमुनोत्री | Lucknow to Yamunotri distance : 741 कि.मी.
    • गंगोत्री से यमुनोत्री | Gangotri to Yamunotri Distance : 230 कि.मी.

यमुनोत्री का तापमान | Yamunotri Temperature today |

गंगोत्री धाम | Gangotri Temple | Uttarakhand Char Dham |

गंगोत्री मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने किया था। उत्तराखंड चार धाम यात्रा का दूसरा पड़ाव गंगोत्री मंदिर समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊंचाई पर उत्तरकाशी जिले में स्थित है। गगोत्री मंदिर भागीरथी नदी के किनारे स्तिथ है तथा यहाँ से लगभग 15 किलोमीटर आगे भागीरथी नदी का उद्गम स्थान गौमुख है। गंगोत्री मंदिर की आरती सेमवाल परिवार के पुजारिओं द्वारा की जाती रही है।  सदियों पुराने इतिहास में कहा जाता है कि राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के पाप धुलने के लिए तप किया था. तपस्या के फलस्वरूप भगवान शिव की कृपा से माँ गंगा ने भागीरथी नदी का रूप धारण किया। गौमुख ग्लेशियर से लेकर स्थान देवप्रयाग तक नदी को भागीरथी नाम से जाना जाता है इसके बाद भागीरथी नदी का संगम यहाँ अलकनंदा नदी से होता है और आगे इसे गंगा नदी से जाना जाता है।
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गंगोत्री मंदिर
प्रसिद्ध पर्यटक स्थान हर्षिल गंगोत्री मंदिर से २० किलोमीटर पहले पड़ता है. सुन्दर घाटियों के बीच से गंगोत्री मंदिर तक पहुँचने का सफर काफी रोमांचक भरा है. गंगोत्री मंदिर के कपाट लगभग अप्रैल माह से नवम्बर माह तक दर्शन के लिए खुले होते हैं. इसके बाद सर्दियों में भारी बर्फ़बारी होती है और माँ गंगा की डोली गंगोत्री से 15  किलो मीटर पहले मुखवा गाँव के मदिर में लायी जाती है, राज्य की राजधानी देहरादून से गंगोत्री मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 230 किलोमीटर का मोटर मार्ग तय करना होता है जो सीधा मंदिर तक पहुँचता है।

 गंगोत्री कैसे पहुँचें? How to reach Gangotri dham?

  • रेल मार्ग से गंगोत्री कैसे पहुँचें? How to reach Gangotri by train?

गंगोत्री मंदिर से लगभग 230 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश से आपको गंगोत्री या उत्तरकाशी जिले के कई अन्य स्थानों के लिए बसें आसानी से  मिल जाती हैं. इसके अलावा आप टैक्सी भी किराए पर ले सकते हैं।
  • सड़क मार्ग से गंगोत्री कैसे पहुंचे? How to reach Gangotri by road?

गंगोत्री मोटरमार्ग द्वारा उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से हरिद्वार और ऋषिकेश बस स्टेशन के लिए बसें उपलब्ध हैं, जहाँ से आप गंगोत्री के लिए सीधी बसें आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आप देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, या सीधे दिल्ली से भी गंगोत्री के लिये किराये पर टैक्सी ले सकते हैं।

 

  • हवाई मार्ग से गंगोत्री कैसे पहुंचे? How to reach Gangotri by flight?

गंगोत्री से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है। दिल्ली से देहरादून के लिए पर्याप्त संख्या में दैनिक उड़ानें उपलब्ध हैं। जिसके बाद आप सड़क मार्ग से गंगोत्री पहुंच सकते हैं।आप देहरादून से गंगोत्री के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी ले सकते हैं।

गंगोत्री का सड़क मार्ग दूरी चार्ट | Gangotri road distance chart from major cities |

    • यमुनोत्री से गंगोत्री: Yamunotri to Gangotri distance -230 कि. मी.
    • दिल्ली से गंगोत्री: Delhi to Gangotri distance -504 कि.मी.
    • देहरादून से गंगोत्री: Dehradun to Gangotri distance –  291 कि.मी.
    • ऋषिकेश से गंगोत्री: Rishikesh to Gangotri distance – 267 कि.मी.
    • हरिद्वार से गंगोत्री: Haridwar to Gangotri distance-  289 कि.मी.
    • लखनऊ से गंगोत्री: Lucknow to Gangotri distance- 785 कि.मी.
    • वाराणसी से गंगोत्री: Varanasi to Gangotri distance- 1880 कि.मी.

गंगोत्री का तापमान | Gangotri Temperature today |

GANGOTRI WEATHER

केदारनाथ धाम | Kedarnath Temple Uttarakhand Char Dham |

समुद्र तल से 3553 मीटर की ऊंचाई पर मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित केदारनाथ का सुन्दर मंदिर अपने आप में आश्चर्य का विषय है। केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में आता है। मंदिर का निर्माण आकर में विशाल पत्थरों से हुआ है तथा मंदिर बहुत बड़े आयताकार मंच पर बना हुआ है. मंदिर के गर्भगृह की आतंरिक दीवारें पौराणिक कथाओं तथा विभिन्न देवताओं की चित्रकारी से सजी हुई है.

 केदारनाथ मंदिर के इतिहास की पौराणिक कथाएं | History and story of Kedarnath |

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार केदारनाथ मंदिर का निर्माण जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने करवाया था और मंदिर  पिछले हिस्से में शंकराचार्य जी की समाधि भी है। एक प्रचलित मान्यता  के अनुसार महाभारत युद्ध के पाप का प्रायश्चित करने के लिए पांडव भगवान् शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते थे। परन्तु परिवार के सदस्यों की हत्या की वजह से भगवान् शिव पांडवों से नाराज थे और उन्होंने पांडवों को दर्शन ना देकर अंतर्ध्यान होकर केदारनाथ में बस गए। पांडव भी भगवान शिव को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते केदारनाथ पहुँच गए. पांडवों को भगाने के लिए शिव ने नन्दी बैल का रूप धारण कर पांडवों को भगाना चाहा लेकिन पांडवों का दृढ़निश्चय देखकर भगवान् शिव ने अपने असली रूप में दर्शन दिए और पांडवों को पाप से मुक्त कर दिया। उसी समय से भगवान शिव बैल के रूप में केदारनाथ में पूजे जाते हैं.
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भव्य केदारनाथ मंदिर
केदारनाथ मंदिर के कपाट लगभग मई माह से अक्टूबर माह(भैयादूज) तक दर्शन के लिए खुले होते हैं। केदारनाथ मंदिर पहुँचने के लिए राज्य की राजधानी देहरादून से लगभग 250 किलोमीटर मोटर मार्ग दूरी तथा उसके बाद लगभग 19 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी होती है.
उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दौरान गंगोत्री मंदिर के दर्शन के बाद केदारनाथ मंदिर पहुंचा जाता हैं।

केदारनाथ कैसे पहुँचें? How to reach Kedarnath dham?

  • रेल मार्ग से केदारनाथ कैसे पहुँचें? How to reach Kedarnath by train?

केदारनाथ मंदिर से लगभग 216 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश से गौरीकुंड के लिए मोटर वाहन आसानी से  मिल जाते हैं. इसके अलावा आप टैक्सी भी किराए पर ले सकते हैं।
  • सड़क मार्ग से केदारनाथ कैसे पहुंचे? How to reach Kedarnath by road?

मोटरमार्ग से केदारनाथ पहुँचने के लिए अंतिम पड़ाव गौरीकुंड है जहाँ से केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए 19 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी होती है। गौरीकुंड मोटरमार्ग द्वारा उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से श्रीनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश बस स्टेशन के लिए बसें उपलब्ध हैं, जहाँ से गौरीकुंड के लिए मोटर वाहन आसानी से प्राप्त किये जा सकते हैं। आप देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, या सीधे दिल्ली से भी गौरीकुंड के लिये किराये पर टैक्सी ले सकते हैं।
  • हवाई मार्ग से केदारनाथ कैसे पहुंचे? How to reach Kedarnath by flight?

केदारनाथ से लगभग 238  किलोमीटर की दूरी पर सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है। दिल्ली से देहरादून के लिए पर्याप्त संख्या में दैनिक उड़ानें उपलब्ध हैं। जिसके बाद आप सड़क मार्ग से गौरीकुंड पहुंच सकते हैं।आप केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी ले सकते हैं।Book online Helicopter service for Kedarnath Yatra, CLICK HERE
 

केदारनाथ का सड़क मार्ग दूरी चार्ट| Kedarnath distance chart from major cities |

 केदारनाथ का तापमान | Kedarnath Temperature today |

बद्रीनाथ धाम | Badrinath Temple Uttarakhand Char Dham |

उत्तराखंड चार धाम यात्रा का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ मंदिर समुद्र तल से 3300 मीटर की ऊंचाई पर चमोली जिले में हिमालयी नर-नारायण पर्वत श्रंखला के बीच स्थित है, जिसके आगे अलकनंदा नदी है. चार धाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ में समाप्त होती है.ऐसा कहा जाता है की बद्री नाथ क्षेत्र में बद्री के जंगल थे और से यहाँ पर स्थित भगवान विष्णु के मंदिर को बद्रीनाथ का नाम दिया गया. बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु के लिए जाना जाता है. संत आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर की पुनर्स्थापना आठवीं सदी में एक तीर्थ स्थान के रूप में की थी. मान्यताओं के अनुसार कहा जाता कि भगवान विष्णु ने आदि शंकराचार्य के स्वप्न में प्रकट होकर अलकनंदा नदी से उनकी मूर्ति निकालने को कहा. मूर्ति प्राप्त कर शंकराचार्य ने मूर्ति को तप्तकुण्ड के निकट गुफा में स्थापित कर दिया. मंदिर का प्राकृतिक कारणों की वजह से कई बार नवीनीकरण हुआ है।

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बद्रीनाथ मंदिर
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट लगभग अप्रैल माह से अक्टूबर माह तक दर्शन के खुले होते हैं. बद्रीनाथ पहुँचने के लिए  राज्य की राजधानी देहरादून से लगभग 335 किलोमीटर का मोटर मार्ग तय करना होता है जो सीधा मंदिर तक ही पहुँचता है.

 बद्रीनाथ कैसे पहुँचें? How to reach Badrinath dham?

  • रेल मार्ग से बद्रीनाथ कैसे पहुँचें? How to reach Badrinath by train?

केदारनाथ मंदिर से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश से बद्रीनाथ के लिए मोटर वाहन आसानी से  मिल जाते हैं. इसके अलावा आप टैक्सी भी किराए पर ले सकते हैं।
  • सड़क मार्ग से बद्रीनाथ कैसे पहुंचे? How to reach Badrinath by road?

बद्रीनाथ मोटरमार्ग द्वारा उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश बस स्टेशन के लिए बसें उपलब्ध हैं, जहाँ से बद्रीनाथ के लिए मोटर वाहन आसानी से प्राप्त किये जा सकते हैं। आप देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, या सीधे दिल्ली से भी गौरीकुंड के लिये किराये पर टैक्सी ले सकते हैं।
  • हवाई मार्ग से बद्रीनाथ कैसे पहुंचे? How to reach Badrinath by flight?

केदारनाथ से लगभग 315 किलोमीटर की दूरी पर निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है। दिल्ली से देहरादून के लिए पर्याप्त संख्या में दैनिक उड़ानें उपलब्ध हैं। जिसके बाद आप सड़क मार्ग से बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं।आप बद्रीनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी ले सकते हैं।

बद्रीनाथ का सड़क मार्ग दूरी चार्ट| Badrinath distance chart from major cities |

    • दिल्ली से बद्रीनाथ: Delhi to Badrinath distance- 535 कि.मी.
    • देहरादून से बद्रीनाथ: Dehradun to Badrinath distance- 335 कि.मी.
    • ऋषिकेश से बद्रीनाथ: Rishikesh to Badrinath distance- 295 कि.मी.

बद्रीनाथ का तापमान | Badrinath Temperature today |

चारधाम यात्रा की समाप्ति बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन पश्च्यात होती है. हिन्दुओं में चार धाम यात्रा का बहुत महत्व है. माना जाता है कि चार धाम यात्रा करने से श्रद्धालुओं के समस्त पाप धुल जाते हैं। हर साल चार धाम यात्रा पर लाखों श्रद्धालु आते हैं जिनकी संख्या 2012 में लगभग 10 लाख पहुँच गयी थी। 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी आयी थी। 2019 में लगभग आठ लाख लोगों ने चार धाम यात्रा कर पुण्य कमाया। 2022 में भी चारों धामों के कपाट अप्रैल तथा मई माह की निश्चित तारीखों में खुल जायेंगे।
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2 COMMENTS

  1. हम 6 लोग 7 या 8 नवंबर को ऋषिकेश से मसूरी के मुख्य जगहों पर घुमना चाहते हैं.

    कितना किराया लगेगा, कृपया बताएं.

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